बिना गुरू के ज्ञान कहां
बिना गुरू के ज्ञान कहां
सनातन धर्म के अनुसार जीवन में गुरू की विशेष महत्ता है। हिन्दी पचांग के अनुसार आषाढ मास
की पूर्णिमा को गुरू पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन संभव हो तो अपने गुरू के पास
जाना चाहिए और उनकी पूजा अर्चना का भेंट प्रदान कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए।
इस वर्ष 13 जुलाई बुधवार को गुरू पूर्णिमा मनाया जायेगा ।
गुरु पूर्णिमा पर बन रहा राजयोग
ज्योतिष के अनुसार इस वर्ष 4 राजयोग का निर्माण हो रहा है जो कि बेहद खास है। मंगल, बुध, गुरू और शनि
की स्थिति राजयोग बना रही है कई सालों बाद ये योग बन रहा है ।
गुरु पूर्णिमा पर क्या करें
प्रातः जल्द उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहन कर अपने गुरू का ध्यान करना चाहिए।
यदि आप ने गुरू धारण कर लिया है किसी को गुरू बनाया है तो उनसे प्राप्त मंत्रों का जप जितना
संभव हो करना चाहिए।
यदि आपने गुरू नही बनाया तो भगवान शिव को अपना गुरू मानकर मंदिर में जाकर
या घर में उनकी पूजा आराधना करना चाहिए व आसन में बैठकर
ओम नमः शिवाय मंत्र का जप करना चाहिए ।
यदि संभव हो तो घर में एक छोटा सा हवन करना चाहिए।
अपने गुरू के बताये उपदेश का स्मरण कर पालन करना चाहिए।
गुरु पूर्णिमा के दिन क्या न करें
बिना जाने चमक दमक या चमत्कारिक व्यक्ति को अपना गुरू नहीं बनाना चाहिए
गुरू बार बार बदलने वाली क्रिया नहीं है अपितु विद्वान, विवेकवान, शास्त्रज्ञ व्यक्ति
को गुरू मान का उससे गुरू दीक्षा प्राप्त कर चाहिए।
गुरू के विषय में जितना कहा जाय उतना ही कम है गुरू पूर्णिमा सही अर्थों में शिष्य
के जीवन में ऐश्वर्य प्राप्ति प्रारंभ दिवस के समान है ....
- स्वामी श्रेयानन्द महराज
(सनातन साधक परिवार )
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