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Showing posts from August, 2022

वाणी और बुद्धि के देवता भगवान गणेश

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    वाणी और बुद्धि के देवता भगवान गणेश का इस वर्ष ये महापर्व विशेष बनने जा रहा है। ज्योतिषीय दृष्टि से देखा जाय तो ऐसा दुर्लभ संयोग करीब दस साल बाद बनने जा रहा है । गणेश पुराण के अनुसार 31 अगस्त को ज्योतिषीय गणना के अनुसार भगवान गणेश के जन्म के समय ग्रहो का जो योग बना था वैसा ही योग 31 अगस्त को भाद्रपद के शुक्ल पक्ष को चतुर्थी का दिन है और सौभाग्य की बात है उस दिन बुधवार था और इस समय भी यह योग चतुर्थी बुधवार को पड रहा है। 31 अगस्त मो उदिया कालीन चतुर्थी तिथि और मध्याहन व्यापिनी चतुर्थी होने से विनायक चतुर्थी का व्रत व पूजन सर्वमान्य होेगा। इस साल गणेश चतुर्थी का महापर्व बहुत खास रहने वाला हैण् गणेश चतुर्थी पर करीब दस साल बाद एक विशेष संयोग बनने जा रहा है इस संयोग में जो लोग भगवान गणेशजी की विधिवत पूजा.अर्चना करेंगेए उनकी सभी मनोकामानाएं जल्द पूरी होंगीण् साथ ही भगवान गणेशजी की विशेष कृपा भी उन पर होगी। इस शुभ संयोग में गणपति की पूजा करना भक्तों के लिए बेहद कल्याणकारी होगाण् गणेश की पूजा.पाठ करने से जो भी विघ्न.बाधाएं आ रही हैंए वो दूर होंगी और निश्चित तौर से लाभ होगाण् गणेश चतुर्थी पर

पूरे दिन मनाये रक्षा बंधन का पर्व ....

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सनातन समाज में अपने संस्कार आने वाली पीढियों को व्रत त्यौहारों के माध्यम से अनवरत पीढीदर पीढी प्रदान करने की प्रथा रही है जिससे एक स्वस्थ और संस्कारवान समाज का निर्माण हो सके ....इन्हीं पर्वों में रक्षाबंधन का पर्व भी आता है रक्षा बंधन क्यों मनाते हैं - रक्षा बंधन मनाने के पीछे कई कहानियॉं प्रचलित है यह भाई और बहन के प्रेम का पर्व है जिसमें बहन भाई के कलाई में राखी बांधते हुए भाई के दीर्घायु की कामना करती है और अपने बुरे समय में रक्षा करने का वचन लेती है.... भाई द्वारा भी उसे उसकी रक्षा का आश्वासन प्रदान करता है.. और इतिहास साक्षी रहा है कि जब जब बहनों ने विपत्तियों में भाईयों को रक्षा सूत्र भेजकर पुकारा है भाईयों ने रक्षा सूत्र का मान बढाया है। रक्षा बंधन 2022 तिथि व शुभ मुहूर्त है - वर्ष 2022 में श्रावण पूर्णिमाए11 अगस्त 2022 गुरुवार को मनाई जानी है। ज्योतिष के अनुसार भद्रा में राखी बांधना अशुभ माना जाता है जो कि सुबह 9.18 से रात्रि 8.09 मिनट तक बताया गया है लेकिन 11 अगस्त 2022 को मुहूर्त चिंतामणी के अनुसार पूर्णिमा के दिन सम्पंूर्ण दिन मुहुर्त चिंतामणी के अनुसार जब चन्द्रमा कन्या, त