नव वर्ष 2022 ....
नव वर्ष 2022 .... कालचक्र के साथ जीवन नित परिवर्तनशील है... परन्तु हमने जीनव को समझा ही नहीं समय के बदलाव को हमने कभी नव वर्ष कभी नया दिन या कुछ और नाम देकर खुशियॉं मना लिये जो क्षणिक होती है... पर चिर आनन्द की अनुभति से वंचित रह जाते हैं ... क्योंकि हमें उस मार्ग का ज्ञान ही नहीं है... शिक्षा हमें जीवोकोपार्जन की मिली, जिवकोपार्जन के साथ साथ आनन्द प्राप्ति की अनुभूति की नहीं... इसलिये हम निरंतर तनाव, विषाद में जीते हैं, तो इसका ज्ञान आपको कौन देगा आप के माता -पिता, भाई, बहन, पति, पत्नी इनसे ज्ञान की प्राप्ति होगी ? नहीं क्योकि उन्हें भी इसका ज्ञान नहीं है... वह ज्ञान आपको आध्यात्मिक गुरू (यदि वह आत्म साक्षात्कार व्यक्तित्व हो तो) ही दे सकता है... जरूरी नहीं कि वह बहुत शिक्षित हो सूर, तुलसी, कबीर, नानक, बुध्द ने कोई डिग्री नहीं ली पर इनके पास वह आध्यात्मिक उर्जा, ज्ञान था जिससे उनके बताये मार्ग पर चलने वालों को शांति मिली वह आनन्द का मार्ग मिला .... आप लोभ, भय, प्रलोभन के वशीभूत वह कार्य करते हैं जो नहीे करने होते है, आप बाहरी व्यवस्थाओं को परिस्थितियों को बल पूर्वक बदल सकते हैं जो