होगी समस्त मनोकामनापूर्ति करें सफला एकादशी उपासना
होगी समस्त मनोकामनापूर्ति करें
सफला एकादशी उपासना
सनातन धर्म में एकादशी व्रत का बहुत ही अधिक महत्व है। यह दिन भगवान विष्णु की अराधना
उपासना का दिन माना जाता है । एकादशी प्रत्येक माह में दो बार पडती है एक कृष्ण पक्ष में
और दूसरा शुक्ल पक्ष में । पौष माह 30 दिसम्बर को पडने वाली एकादशी कृष्ण पक्ष में पड रही है
जिसे सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है जिसका अपना ही अलग महत्व है इस दिन व्रत
उपासना करने से पुण्य फल की प्राप्ति के साथ साथ मान्यता है कर्मानुसार जीव जीवन के सुख और
दुखों को भोगता हुआ मृत्यु उपरान्त मोक्ष की प्राप्ति करता है यदि सदकर्म करता
है और गृहस्थ में रहते हुए ऋषितुल्य जीवन व्यतीत करता है तो निश्चित ही वह सीधे विष्णु के बैकुण्ठधाम में प्रवेश का अधिकारी होता है....
आईये जाने इस दिन तिथि एवं मुहूर्त:ः
एकादशी का प्रारंभ 29 दिसम्बर बुधवार को दोपहर 4.12 मिनट से
समाप्ति 30 दिसम्बर को दोपहर 1.40 मिनट पर होगा
एकादशी पूजा. विधि
1. प्रातः जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
2. पूजा स्थल पर गंगा जल से पवित्रकरण करें ।
3. हाथ के अंजलि मे जल लेकर निम्न मंत्र से अपने उपर छिडके
मंत्र:ः ओम अपवित्रो पवित्रो वा सर्वास्थम् गत्योपि य स्मरते पुण्डरी कांक्षौं बाह्यन्तर शुचि
4. भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा या फोटो के समक्ष घी का दीपक जलायें और
साथ में तुलसी दल अवश्य अर्पित करें
(भगवान विष्णु की पूजा बिना तुलसी दल के पूरी नहीं होती )
5. यदि संभव हो तो भगवान विष्णु का मंत्र:
ओम वासुदेवाय नमः
मंत्र का एक माला या पांच माला का जप करें।
एवं भगवान की सहस्त्र नाम और कनकधारा स्तोत्र का पाठ लक्ष्मी पाठ करें
6. भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी का भी पूजन करें
7. भगवान को दूध का प्रसाद भोग लगायें।
8. पूजन उपरान्त संक्षिप्त हवन करें और उसके साथ आरती करें।
सफला एकादशी को क्या न करें:ः
1. सदाचार का पालन करें।
2. तामसिक प्रवृति से दूरी बनाकर रखें।
3. व्यर्थ वाद विवाद न करें।
4. तामसिक भोजन लहसून, प्याज, मांस मदिरा, व्यवसन से दूरी बना करें रखें।
5. संभव हो जमीन पर शयन करें।
6. ज्यादा से ज्यादा भगवान विष्णु का स्मरण में कर्म करते हुए करते रहें
प्रेम से बोलिये सत्य नारायण भगवान की जय ....
सनातन धर्म की जय ......
जाकी रही भावना जैसी, प्रभू मूरत देखी तिन तैसी ......
-- स्वामी श्रेयानन्द महाराज
Very informative thank you🙏
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