पूरे दिन मनाये रक्षा बंधन का पर्व ....
सनातन समाज में अपने संस्कार आने वाली पीढियों को व्रत त्यौहारों
के माध्यम से अनवरत पीढीदर पीढी प्रदान करने की प्रथा रही है जिससे एक स्वस्थ और संस्कारवान
समाज का निर्माण हो सके ....इन्हीं पर्वों में रक्षाबंधन का पर्व भी आता है
रक्षा बंधन क्यों मनाते हैं -
रक्षा बंधन मनाने के पीछे कई कहानियॉं प्रचलित है यह भाई और बहन के प्रेम का पर्व है
जिसमें बहन भाई के कलाई में राखी बांधते हुए भाई के दीर्घायु की कामना करती है और अपने
बुरे समय में रक्षा करने का वचन लेती है.... भाई द्वारा भी उसे उसकी रक्षा का आश्वासन प्रदान करता है..
और इतिहास साक्षी रहा है कि जब जब बहनों ने विपत्तियों में भाईयों को रक्षा सूत्र भेजकर पुकारा
है भाईयों ने रक्षा सूत्र का मान बढाया है।
रक्षा बंधन 2022 तिथि व शुभ मुहूर्त है -
वर्ष 2022 में श्रावण पूर्णिमाए11 अगस्त 2022 गुरुवार को मनाई जानी है।
ज्योतिष के अनुसार भद्रा में राखी बांधना अशुभ माना जाता है जो कि सुबह 9.18 से रात्रि 8.09 मिनट
तक बताया गया है लेकिन 11 अगस्त 2022 को मुहूर्त चिंतामणी के अनुसार
पूर्णिमा के दिन सम्पंूर्ण दिन मुहुर्त चिंतामणी के अनुसार जब चन्द्रमा कन्या, तुला, धनु या मकर राशि में रहेगा तब
भद्रा का वास पाताल लोक में माना जाता है। भद्रा जिस लोक में रहती है वही उसका प्रभाव होता है अतः
पृथ्वी पर उसका प्रभाव नहीं होगा इसलिये पूरे दिन सभी लोग
अपनी सुविधा के अनुसार राखी बांधकर त्यौहार मना सकते हैं।
यदि फिर भी मन में दुविधा हो तो चूंकि भद्रा की स्थिति रात्रि 8.09 मिनट तक है और फिर सूर्यास्त
के बाद राखी नहीं बांधी जाती है तो यह त्यौहार 12 अगस्त को उदयातिथि भी है सुबह 7 बजकर
5 मिनट तक है इससे पहले बहने अपने भाईयों को राखी बांध सकती है।
शास्त्र सम्मत के अनुसार यदि राखी बांधते समय अपने इष््ट का ध्यान करते हुए महादेव का स्मरण
करते हुए यदि रक्षा बांधा जाय तो किसी भी प्रकार की अनिष्ट काल हो तो टल जाता है और वह क्षण
शुभ क्षण में परिवर्तित हो जाता है।
रक्षाबंधन का त्यौहार कैसे मनाये -
राखी का सही स्वरूप तीन रंग के मौली धागा है जिसे भाईयो की कलाई मे बांधा जाता रहा है और
यह अत्यंत सादगी से मनाया जाने वाला पर्व है पर आज दिखावे के कारण यह इसका मूल स्वरूप
घटता जा रहा है मंहगी राखी न बांध कर मौली धागा बंाध कर इस त्यौहार को मनाया जाना चाहिए।
राखी बांधते समय भाई को चौकी पर उत्तर या पूर्व की ओर मुख कर बिठाना चाहिए, सिर पर कोई कपडा
या रूमाल रखना चाहिए एवं स्वच्छ वस्त्र धारण कर भाई की आरती उतार
कर मस्तक पर कुंकुम व अक्षत का टीका लगाना चाहिए फिर राखी बांधते समय निम्न मंत्र का संभव
हो तो उच्चारण करते हुए रक्षा सूत्र बंाधना चाहिए। उसके बाद बहन घर में बने पकवान से ही भाई का मंुह मीठा
करना चाहिए। भाई यदि छोटा हो तो अपने बहन के चरण स्पर्श करे और यथा संभव उपहार प्रदान करे।
बहन भाई को तिलक करने से पहले यह मंत्र बोले फिर तिलक करें -
ॐ चन्दनस्य महत्पुण्यंए पवित्रं पापनाशनम् ।
आपदां हरते नित्यम्ए लक्ष्मीस्तिष्ठति सर्वदा ॥
राखी बांधते समय इस मंत्र का मन ही मन या हल्के स्वर मे बोले
येन बद्धो बलिरू राजा दानवेंद्रो महाबलरू।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।
ॐ व्रतेन दीक्षामाप्नोतिए दीक्षयाऽऽप्नोति दक्षिणाम् ।
दक्षिणा श्रद्धामाप्नोतिए श्रद्धया सत्यमाप्यते ॥
आप सभी को रक्षा बंधन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं ......
- स्वामी श्रेयानन्द महाराज
(सनातन साधक परिवार)
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