महादेव की पूजा से मिलता है मनचाहा वरदान

महादेव की पूजा से मिलता है मनचाहा वरदान

 

देवों के देव महादेव भगवान शिव का प्रिय महीना श्रावण मास । सनातन धर्म में जीवन में मोक्ष प्राप्ति के लिए
भगवान शिव की आराधना का विशेष महत्व है। भगवान शिव औढर दानी है वह अपने अपने भक्तों के
थोडे से पूजा आराधना से प्रसन्न होकर उन्हें मनचाहा वरदान देते हैं।

हमारे वेद पुराणों में मंत्रों की असीम शक्ति का वर्णन किया गया है जिसे हमारे ऋषियों ने अपने
अनुभवों को प्रमाणिकता के साथ लिखा है..... और ये ज्ञान उन्होनंे हमें विरासत में प्रदान कर गये हैं
आवश्यकता है उसे समझने की या कोई ऐसा व्यक्ति मिले जो उसे समझा सके बता सके अतः सही
गुरू या मार्गदर्शक के सानिध्य में कोई भी साधना पूजा की जाय तो कम समय में मनोवांछित सफलता
प्राप्त होती है .... ये मेरे जीवन का अनुभव है और जिन्होनंे भी मेरे मार्गदर्शन में साधना की उन्हें
भी सफलता की प्रप्ति हुई है ...

कोई भी साधना का प्रभाव घर की अपेक्षा देवालय शिवालय में की जाय तो उसका फल
ज्यादा मिलता है .... फिर भी आप अपनी साधना घर में ही रहकर पवित्रता का ध्यान
रखकर कर सकते  हैं....


साधना काल के नियम:ः

1. साधक साधना के पूर्व हाथ में जल लेकर अपना नाम
स्थान और अपनी मनोकामना बोल कर संकल्प ले (संकल्प रोज नहीं लेना है) और फिर उस
जल को जमीन पर छोड दें।
2. मंत्रों की जप संख्या निर्धारित रखें जितना आप कर सकते हैंे
जैसे 1, 3, 5, 7, 9 , 11, 21, 31, 51, 101 माला जितना आप
प्रारंभ दिन करेंगे उतना रोज निर्धारित समय में करे बदलाव न करें।
3. साधना काल में जितना संभव हो मौन रहें जिससे आपकी मंत्र
उर्जा का ह्रास नहीं होगा।
4. घर में पूजा स्थान में अंगूठे के आकर से बडा शिवलिंग
या मूर्ति नही रखना चाहिए।
5. यदि विग्रह खंडित हो तो उसे जलाशय में विसर्जित कर देना चाहिए।
6. साधनाकाल में साधक भूमि शयन करें।
7. उपवास में फल दूध का सेवन कर सकते हैं।
8. दिनचर्या में अपने इष्ट का ध्यान करते रहना चाहिए।


पूजन सामग्री:


पूजन में बिल्व पत्र, दूध, गंगाजल, कपूर, दही, चंदन, गुलाल, पुष्प, घी, शहद, फल नैवेद्य रखकर
नित्य पूजन करना चाहिए

महादेव की पूजा में वर्जित सामग्री:ः


1. महादेव को केकती का फूल नही चढाना चाहिए।
2. कुकंुम वर्जित है उसके जगह गुलाल का प्रयोग करना चाहिए।
3. खराब फल को नहीं चढाना चाहिए।
4. कीडे लगे पूष्प को नहीं चढाना चाहिए।
5. शिवलिंग में कभी भी तुलसीदल नहीं चढाना चाहिए।
6. शिवलिंग को कभी भी तुलसी के पौधे की नीचे नहीं रखना चाहिए।
7. खंडित शिवलिंग की पूजा नहीं की जाती।

मंत्र साधना के नियम:ः

1. कभी भी जब तक गुरू से संबंधित साधना की दीक्षा न ली हो वह
साधना नहीं करना चाहिए।
2. गुरू दीक्षा लेने के पश्चात ही साधना करना चाहिए ।
3. यदि योग्य गुरू नही मिल रहे हो तो भगवान शिव को गुरू
मान कर साधना करनी चाहिए।
4. साधनाकाल में विपरीत आचरण से साधना का फल निष्फल हो
जाता है।
5. साधना का संकल्प पूर्ण होने के पश्चात मंत्र संख्या का दशांस
हवन करना चाहिए।

मंत्र:ः


भगवान महादेव के अनेक मंत्र हैं परन्तु गृहस्थ को पंचाक्षरी मंत्र
का जप करना चाहिए यह मंत्र छोटा भी और अत्यंत प्रभावकारी है

मंत्र:ः ऊॅं नमः शिवाय


इस मंत्र को आसन में बैठकर रूद्राक्ष की माला से जप करना चाहिए
मंत्र जप आप दैनिक काम करते हुए भी मन ही मन जप कर सकते
हैं परन्तु उस समय नमः शिवाय का जप करें ओम इसमें नही
लगाना चाहिए।

इस बार 4 सावन सोमवार पड रही है अतः प्रत्येक गृहस्थ को महादेव की पूजा अराधना
करनी चाहिए -

जीवन में मनोकामना पूर्ति के लिए विशेष पूजा


1. शरीरिक कष्ट से मुक्ति के लिए जल कुश से पूजा आराधना करनी चाहिए।
2. मान सम्मान प्रतिष््ठा के लिए दूध से अभिषेक करना चाहिए।
3. विद्या की प्राप्ति के लिए महादेव की शहद से अभिषेक करना चाहिए।
4. व्यापार वृद्धि व लाभ के लिए शक्कर या गन्ने की रस से अभिषेक करना चाहिए।
5. गृह क्लेश से मुक्ति के लिए गन्धोदक से अभिषेक करे
6. शीघ्र विवाह के लिए शुद्ध घी से शिवलिंग की अभिष्ेाक करना चाहिए।
7. भूतप्रेत व दुश्मन से छुटकारे के लिए सरसों के तेल से अभिषेक करना चाहिए।
8 संतान प्राप्ति के लिए सावन के महीने में दूध में चंदन मिलाकर शिव की साधना का विधान हैण्

आपके परिवार के प्रेम और सामंजस्य को किसी की बुरी नजर लग गई है
और हर समय छोटी.छोटी बातों को लेकर कलह होती रहती है तो उसे दूर करने और
सुख.शांति को पाने के लिए शिव पार्वती की साधना सबसे उत्तम उपाय माना गया हैण् भगवान शिव
को गृहस्थ जीवन का आदर्श माना जाता हैए ऐसे में पारिवारिक सुख को पाने के लिए
शिव की साधना जरूर करेंण्

कल्याण के देवता माने जाने वाले भगवान शिव की साधना करने वाले भक्त को जीवन में
कभी किसी चीज की कोई कमी नहीं रहती हैण्

-- स्वामी श्रेयानन्द महाराज
(सनातन साधक परिवार)

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